जेवर एयरपोर्ट पर ATC सिस्टम इस साल नवंबर तक होगा शुरू

नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर तेजी से काम चल रहा है। जल्द ही यहां एटीसी सिस्टम भी काम करना शुरू कर देगा। वहीं एयरपोर्ट पहले दो और फिर दूसरे चरण में पांच रनवे का बनेगा। इस पर 2040 तक करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं। साथ ही यहां साल साल आने वाले यात्रियों की संख्या 7 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
- जेवर एयरपोर्ट को लेकर हुई अहम बैठक, ट्रायल रन पर दिया गया जोर
- चीफ सेक्रेटरी ने कहा, ट्रायल रन शुरू कराने के लिए एटीसी का समय पर तैयार होना जरूरी
- साल 2040 तक जेवर एयरपोर्ट पर खर्च किए जाएंगे 30 हजार करोड़ रुपये
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ग्रेटर नोएडा: जेवर में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport Jewar) का एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सिस्टम इसी साल नवंबर तक हैंडओवर करने की डेडलाइन शुक्रवार को तय हो गई है। एटीसी के हैंडओवर होते ही ट्रायल रन शुरू कर दिया जाएगा। शुक्रवार को प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में हुई एयरपोर्ट की बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया। चीफ सेक्रेटरी ने निर्देश दिया कि ट्रायल रन शुरू कराने के लिए एटीसी का समय पर तैयार किया जाना सबसे जरूरी है।
प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्रा शुक्रवार को निर्माणाधीन एयरपोर्ट की साइट पर आयोजित बोर्ड बैठक में शामिल हुए, उनकी अध्यक्षता में नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) की 15वीं बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में नोएडा इंटरनैशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर के विकास के संबंध में हुई प्रगति को प्रस्तुत किया गया। नायल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बोर्ड के समक्ष एजेंडा प्रस्तुत करते हुए बताया कि एयरपोर्ट पर एटीसी और रनवे का कार्य शुरू कर दिया गया है। एयरपोर्ट का कार्य सितंबर 2024 से पहले पूरा कर लिया जाएगा। इससे पहले एटीसी नवंबर 2023 में ही पूरा करेंगे। वहीं, चीफ सेक्रेटरी ने कार्यों की रेगुलर मॉनिटरिंग पर जोर दिया। बैठक में प्रदेश के प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास, सचिव वित्त के अलावा नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट के नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया भी शामिल रहे।
दो चरणों में बनेंगे पांच रनवे
बता दें कि एयरपोर्ट के रनवे दो स्टेज में बनाए जाएंगे। प्रथम स्टेज में यह एयरपोर्ट दो रनवे का होगा और दूसरे स्टेज में रनवे की संख्या पांच की जाएगी। 2040 तक यह एयरपोर्ट 70 मिलियन यानी 7 करोड़ वार्षिक यात्रियों की क्षमता का होगा। इस पर करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। पूरे एयरपोर्ट का विकास चार चरणों में होगा। प्रथम चरण में वर्ष 2023-24 में 12 मिलियन यानी 1.20 करोड़ वार्षिक यात्रियों की क्षमता होगी। दूसरे चरण में वर्ष 2031 में बढ़कर यह क्षमता 3 करोड़, तीसरे चरण में वर्ष 2036 में यह 5 करोड़ और वर्ष 2040 में चौथे चरण में 7 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का हो जाएगा।
डेडिकेटेड कार्गो टर्मिनल भी होगा
एयरपोर्ट के पास अपना डेडिकेटेड कार्गो टर्मिनल भी होगा, जिसकी क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी। इसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन तक भविष्य में किया जाएगा। कार्गों के लिए अलग रूट की भी व्यवस्था की जा रही है। ऐसे में यह एयरपोर्ट इस क्षेत्र में स्थापित विभिन्न उद्योगों के उत्पादों के परिवहन के लिए वरदान साबित होगा।
कनेक्टिविटी पर रहेगा खास फोकसयह एयरपोर्ट 100 मीटर एक्सेस कंट्रोल यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित है। इसे आधुनिक इंटर्चेंज बनाकर जोड़ा जाएगा। एयरपोर्ट के लिए यमुना एक्सप्रेसवे के समानांतर 60 मीटर सर्विस रोड का निर्माण कर जोड़ा जा चुका है। इसकी कनेक्टिविटी ईस्टर्न पेरीफेरल रोड से भी यमुना एक्सप्रेसवे पर इंटर्चेंज बनाकर की जाएगी। नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से भी जोड़ा जाएगा, जिसका स्टेशन नोएडा एयरपोर्ट के टर्मिनल के पास होगा और दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की दूरी मात्र 21 मिनट में तय होगी। नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे से बल्लभगढ़ (हरियाणा) से भी जोड़ा जा रहा है। यह 30 किमी लंबा होगा, जिसमें से 8.5 किमी उत्तर प्रदेश में और 21.5 किमी हरियाणा में स्थित है।